![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEghbR1t9fR__raKYFQawk1fmrxYNMpcU9xlVJ33UFzDZ2xCnu7xzR_ivzQ-OOVaAmerKpSgfeWpltGW719mzde7S6ksbBM5dfNajm9MpbRBcqms48WO6AQfyTP44nFSyxGl-BNl7zPoi78/s640/mother-sita.jpg)
----------------------------------------------------------------------------------------------------------
रामायणक अनुसार मिथिलाक राजा जनकक खेत म हल जोतैत समय एकटा पेटी सँ भेटल। हल क संस्कृत म 'सीत' कहैय क कारण हिनक नाम सीता पडल। राजा जनकक पुत्री हेवा क कारण हिनका जानकी आ जनकसुता कहल जैत अछि। मिथिला क राजकुमारी हेवा क कारण मैथिली नाम सँ सेहो प्रसिद्ध अछि।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------
महाराज जनक सीता स्वयंवरक घोषणा केलक आउर ऋषि विश्वामित्रक उपस्थिति हेतु निमंत्रण भेजल गेल। आश्रम म राम आ लक्ष्मण उपस्थित क कारण हुनको मिथिपलपुरी साथ ल एला। महाराज जनक जी उपस्थित ऋषिमुनि क आशिर्वाद सँ स्वयंवरक लेल शिवधनुष उठाबैय क नियम क घोषणा केलक। श्रीरामजी धनुष क उठेलक आ ओकरा तोरलक। अय तरहे सीता क विवाह श्रीरामजी सँ निश्चय भेल।
साथे ऊर्मिला क विवाह लक्ष्मण सँ, मांडवी क भरत सँ आ श्रुतिकीर्ती क शत्रुघ्न सँ निश्चय भेल। पाविवाहोपरांत सीता अयोध्या एलिह।
1 comment:
जय जानकी जय मिथिला
Post a Comment